अजब आज मौसम—बाल गीत—देवेन्द्र
कुमार
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हैं कुहरा नदी पर
या उतरे हैं बादल
है रूई का परदा
दिखाई न देता
वह बैठा है मांझी
नहीं नाव खेता
अजब आज मौसम
लगें एक जल-थल
बहुत ठंड भाई
रजाई निकालो
पखेरू ठिठुरते
उन्हें भी बुला लो
करें आज छुट्टी
किताबें पढ़ें कल
हवा है बरफ सी
चलो सिर बचाओ
अंगीठी गरम है
यहीं बैठ जाओ
रसोई में मम्मी
पकौड़े रही तल
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