मुन्नी और मैं—देवेन्द्र कुमार—बाल गीत
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पापा बोले-- घर की मुश्किल
मम्मी बोली-कैसे सुलझे
मुन्नी कहती मुझसे पूछो
मुन्ना बोला-मैं बतलाऊं
पहला नंबर मम्मीजी का
इनको बहुत काम रहता है
घर की भागदौड़ से लड़कर
दफ्तर भी जाना होता है
छुटकारे का यही तरीका
रोबो इनके लिए मंगाएं
घर के सारे काम करे वह
मम्मीजी बस हुक्म चलाएं
बात करें अब पापाजी की
हरदम दफ्तर दफ्तर करते
हंसना-खिलना भूल गए हैं
बच्चे इनसे बेहद डरते
हंसने वाली गुडि़या लाकर
उनके कमरे में रख आएं
जब पापा को गुस्सा आए
गुडि़या हंसकर उन्हें रिझाए
अब मुन्नी और मेरा नंबर
हम दोनों पर आफत भारी
यह कर, वह कर, ना कर, मत कर
कहने की सबको बीमारी
एक परी जो जादू कर दे
हम देानों दो दो हो जाएं
मुन्नी और मैं कहना मानें
मुन्नी और मैं मजे उड़ाएं
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