Saturday, 24 February 2018

सो जा माँ --देवेन्द्र कुमार--


सो जा मां,- देवेन्द्र कुमार –-बाल गीत

 

तूने कितनी लोरी गाईं

जब छोटा था मुझे सुनाईं

आज काम से थककर लेटी

आ मैं तुझे सुलाऊं

 

सूरज से पहले उठ जाती

हमें खिलाकर ही कुछ खाती

सारे घर का बोझ उठाए

आ मैं सिर सहलाऊं

 

घर तो सबका है मां मेरी

फिर क्यों सारी चिंता तेरी

जब-जब पूछूं बस मुसकाए

आ मैं तुझे हंसाऊ

 

 सो जा माँ  मैं गाऊं।  

चिप चिप --देवेन्द्र कुमार --बाल गीत


चिप-चिप—देवेन्द्र कुमार ---बाल गीत

 

चिप चिप च्युइंगम

चुप-चुप भाई

पापा पूछ रहे

क्यों खाई

 

तुम मत कहना

मैंने खाई

मैं भी चुप हूं

मेरे भाई

 

मम्मी जी ने हंसकर पूछा

सच-सच बोलो

दोनों भाई

 

कैसे बोलें

चिप चिप च्युइंगम

जाने कैसे मुंह में आई

 

झटपट बाहर

भागो भाई

चिप चिप च्युइंगम

चुप-चुप भाई।

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Saturday, 10 February 2018

हंसी बिना घर


हंसी कहां रहती है भैया

जल्दी उसको लेकर आएं

चुप चुप चाय में मिलवाकर

अपने पापा को पिलवाएँ

 

वह तो हंसना भूल गए हैं

बात-बात पर गुस्सा करते

सबको डरकर रहना पड़ता

बोलो कहां किधर हम जाएं

 

मम्मी ने पूछा तो बोले

खेलकूद बच्चों का काम

हरदम हंसने वाले बच्चे

जीवन में पीछे रह जाएं

 

पापा-मम्मी, कुछ तो समझो

हंसी बिना घर रहे अधूरा

जब सब मिलकर हंसे तभी हम

घर से डर को दूर भगाएं

Friday, 9 February 2018

गोलगप्पा --देवेन्द्र कुमार --बाल गीत


गोलगप्पा

गोलगप्पा गोलगप्पा

हाउ हप्पा हाउ हप्पा

 

जैसे ही हाथों में पकड़ा

उछल कूदकर यह जा वह जा

दिल्ली से उछला तो पहुंचा

झट सीधा जापान

 

मिर्च-मसाला खूब उड़ाया

जो भी आया उसे छकाया

लो तुम मेरा नाम बताओ

बोला सीना तान

 

बेचारे जापानी घबराए

इस आफत से कौन बचाए

हाथ जोड़कर सारे बोले

तुम भारत की शान==

Tuesday, 6 February 2018

मेहनत सोलह साला


मेहनत सोलह साला

ठेलेवाला सत्तर का है

मेहनत सोलह साला

 

जल्दी जल्दी माल चढ़ाए

बदन पसीना खूब बहाए

पूछो तो हंसकर कहता है

काम करूं मैं आला

 

सुबह अंधेरा रात अंधेरी

लगती है पहियों की फेरी

नहाता धोता कब खाता है

मेहनत का मतवाला

 

मैले कपड़े आदत उजली

उसकी नीयत कभी न फिसली

घर में बिजली-पानी सपना

जीवन है जंजाला।

 

ठेलेवाला सत्तर का है

मेहनत सोलह साला

 

गोलगप्पा --बाल गीत


गोलगप्पा

गोलगप्पा गोलगप्पा

हाउ हप्पा हाउ हप्पा

 

जैसे ही हाथों में पकड़ा

उछल कूदकर यह जा वह जा

दिल्ली से उछला तो पहुंचा

झट सीधा जापान

 

मिर्च-मसाला खूब उड़ाया

जो भी आया उसे छकाया

लो तुम मेरा नाम बताओ

बोला सीना तान

 

बेचारे जापानी घबराए

इस आफत से कौन बचाए

हाथ जोड़कर सारे बोले

तुम भारत की शान==