सो
जा मां,- –देवेन्द्र कुमार
–-बाल गीत
तूने कितनी लोरी गाईं
जब छोटा था मुझे सुनाईं
आज काम से थककर लेटी
आ मैं तुझे सुलाऊं
सूरज से पहले उठ जाती
हमें खिलाकर ही कुछ खाती
सारे घर का बोझ उठाए
आ मैं सिर सहलाऊं
घर तो सबका है मां मेरी
फिर क्यों सारी चिंता तेरी
जब-जब पूछूं बस मुसकाए
आ मैं तुझे हंसाऊ
सो जा माँ मैं गाऊं।
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