हंसी कहां रहती
है भैया
जल्दी उसको लेकर
आएं
चुप चुप चाय में
मिलवाकर
अपने पापा को पिलवाएँ
वह तो हंसना भूल
गए हैं
बात-बात पर
गुस्सा करते
सबको डरकर रहना
पड़ता
बोलो कहां किधर
हम जाएं
मम्मी ने पूछा
तो बोले
खेलकूद बच्चों
का काम
हरदम हंसने वाले
बच्चे
जीवन में पीछे
रह जाएं
पापा-मम्मी, कुछ
तो समझो
हंसी बिना घर
रहे अधूरा
जब सब मिलकर
हंसे तभी हम
घर से डर को दूर
भगाएं
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