Tuesday, 6 February 2018

मेहनत सोलह साला


मेहनत सोलह साला

ठेलेवाला सत्तर का है

मेहनत सोलह साला

 

जल्दी जल्दी माल चढ़ाए

बदन पसीना खूब बहाए

पूछो तो हंसकर कहता है

काम करूं मैं आला

 

सुबह अंधेरा रात अंधेरी

लगती है पहियों की फेरी

नहाता धोता कब खाता है

मेहनत का मतवाला

 

मैले कपड़े आदत उजली

उसकी नीयत कभी न फिसली

घर में बिजली-पानी सपना

जीवन है जंजाला।

 

ठेलेवाला सत्तर का है

मेहनत सोलह साला

 

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