फूलों जैसी मेरी बहना
बाल
सुनहरे आंखें नीली
घर
में है वह लड़की पहली
हमको
बहुत भली लगती है
मां
का है वह सुंदर गहना
हंसकर
घर में फूल खिलाए
बिना
बात रोने लग जाए
छीना
झपटी उसकी खातिर
सब
चाहें उसके संग रहना
परीलोक
की राजकुमारी
दुनिया
भर में सबसे प्यारी
घर
में सबने सीख लिया है
मस्ती
की नदिया में बहना।
No comments:
Post a Comment