Thursday, 29 March 2018

जादू के गुब्बारे --देवेन्द्र कुमार-- बाल गीत


जादू के गुब्बारेदेवेन्द्र कुमार –बाल गीत
 

गुब्बारे वाला आता है

नंगे पैर, फटे कपड़े हैं

फिर भी वह हंसता रहता है

बच्चों का मन बहलाता है

 
कहता-परियों के गुब्बारे

इसीलिए तो प्यारे-प्यारे

तभी बिना पंखों के उड़ते

यों बातों से बहकाता है

 
गुब्बारों को दोस्त बताता

कहता हैं हम संग-संग रहते

रातों में ये बातें करते

सुनकर बड़ा मजा आता है

 
दो गुब्बारे सिर पर बांधे

दो कानों में लटकाए हैं

ये गुब्बारे मेरे गहने

कहकर दूर चला जाता है।

गुब्बारे वाला आता है।=====

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