Monday, 14 January 2019

गपोड़ शंख--बाल गीत-देवेन्द्र कुमार


गपोड़शंखबाल गीत—देवेन्द्र कुमार


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पेड़ों को पैर दूंगा

फूलों को पंख

और क्या करूं बोलो

मैं हूं गपोड़शंख

 

बस्ते से भाग गई

मुश्किल पढ़ाई

इसमें रख दिए मैंने

खेल-कूद भाई

 

मम्मीजी कहती हैं

मुझको गपोड़ी

इसमें भी गप्प

मिली है थोड़ी थोड़ी 

 

कैसी कही कैसी रही

सच कहना भाई

हम सबने खाई जो

गप्प की मिठाई।

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