काला पैसा-गोरा पैसा==देवेन्द्र कुमार ===बाल गीत
हर कोई मांगे पैसा भैया
कैसा अजब तमाशा जी
ऊपर पैसा नीचे पैसा
काला पैसा गोरा पैसा
अब तो सिर्फ चलेगा पैसा
बोलें सब यह भाषा जी
कैसा अजब तमाशा जी
है पैसे की मारा-मारी
उलझ गई है दुनिया सारी
चाहे कैसे भी मिल जाए
रहती हरदम आशा जी
कैसा अजब तमाशा जी
प्रेम -प्यार और भाई चारा
इनको तो लालच ने मारा
बीज द्वेष के पैसा बोए
सबको हुई हताशा जी
कैसा अजब तमाशा जी
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