मक्खी
सब डूब मरें—देवेन्द्र
कुमार—बाल गीत
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भोजन
को मक्खी से
दूर-दूर
रखना
मक्खी
तो कूड़े पर
भिन-भिनभिनाए
गंदा
कर पैरों को
फिर
घर में आए
रोग
बहुत सारे
मक्खी
में रहते
इससे
बचकर रहना
बाबा
यों कहते
कूड़ा
न फैले
ठहरे
न पानी
तभी
खत्म होगी
यह
गंदी कहानी
बागों
में फूल हंसें
तितलियां
बुलाएं
मक्खी
सब डूब मरें
हम
गुनगुनाएं।
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