बड़े हो गए हम—देवेन्द्र कुमार –बाल गीत
लोरी भूले कान हमारे
हम थे मां के राजदुलारे
बिछड़ गए जितने भी साथी
प्यार हुआ कुछ कम
पापा कहते यह कर, वह
कर
मम्मी कहती मत जा छत पर
मन कहता जी चाहे जो कर
ना था कोई गम।
कूदफांद और छिपमछिपाई
कुट्टम कुट्टा खूब लड़ाई
भूले दिन जब याद किए तो
आंख हुई है नम।
बड़े हो गए हम
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