खेल रहे बच्चे—देवेन्द्र कुमार –बाल गीत
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फूलों संग हंसते
सुंदर हैं दिखते
आंखों में उनकी
सपने हैं कच्चे
बिना पंख उड़ते
बिना बात लड़ते
कोई कुछ भी बोले
मन के हैं सच्चे
सबके सब प्यारे
मां के दुलारे
बातें तो बड़ी-बड़ी
करते हैं बच्चे
खेल रहे बच्चे।
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