अगर
कुएं में—देवेन्द्र
कुमार –बाल गीत
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-गरम गरम मौसम में गरमी
अगर कुएं में रहने जाए
तब तो भैया बड़ा मजा हो
वह तो चौबीस घंटे नहाए
पानी के अंदर रहने से
उसको होगा खूब जुकाम
छींक छींक कर थक जाएगी
सो जाएगी चादर तान
अब आएगी छम छम बारिश
सूखे के पकड़ेगी कान
हरियाली का खेल चलेगा
खेतों का होगा स्नान
लुढकम पकडम मस्ती होगी
बारिश माँ से यों बोलेगी
तुम भी घर से बाहर आओ
बचपन की तस्वीर दिखाओ
माँ बोलेगी सुन री बहना
जा बच्चों से इतना कहना
भीग चुके अब तो घर जाओ
गरम पकोड़े ,हलवा खाओ
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